'यदि विद्यार्थी कुसमायोजन से बच रहे हों, पढ़ने की ओर उनकी रुचि वृद्धि हो रही हो, उनके व्यवहार में यथा परिवर्तन हो रहा है, तो निम्नलिखित शिक्षण कारगर समझना चाहिए :
- क्रियात्मक अनुसंधान।
- उपचारात्मक शिक्षण।
- इकाई पाठ योजना का अभाव।
- विद्यालय निर्माण समिति।